Manu Bhaker Sarabjot Singh two Bronze Medal (मनु भाकर की जीवनी)
Manu Bhaker Sarabjot Singh two Bronze Medal (मनु भाकर की जीवनी)
मनु भाकर की जीवनी
- जन्म: 18 फरवरी, 2002, झज्जर, हरियाणा
- घर: झज्जर, हरियाणा
- राष्ट्रीयता: भारतीय
- खेल: निशानेबाजी
- विधा: 10 मीटर एयर पिस्टल
- कोच: जसपाल राणा
मनु भाकर की उपलब्धियां
- 2018 राष्ट्रमंडल खेल: महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक
- 2018 आईएसएसएफ विश्व कप: महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक
- 2018 आईएसएसएफ विश्व कप: मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक
- 2018 एशियाई खेल: महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में रजत पदक
- 2019 विश्व कप: महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में रजत पदक
मनु भाकर पेरिस ओलंपिक प्रदर्शन
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया है।
वह भारत के लिए एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
- दोनों कांस्य पदक: मनु ने पहले व्यक्तिगत महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता और फिर पुरुष साथी सरबजीत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में दूसरा कांस्य पदक हासिल किया।
- राष्ट्रीय गौरव: उनके इस शानदार प्रदर्शन ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। मनु की जीत से भारतीय निशानेबाजी को एक नई ऊंचाई मिली है।
- युवा प्रतिभा: अभी केवल 22 साल की उम्र में, मनु भाकर ने साबित कर दिया है कि वह भारतीय निशानेबाजी का भविष्य हैं। उनके पास अभी और भी कई ओलंपिक खेलने हैं और हम उनसे और भी कई पदक की उम्मीद कर सकते हैं।
मनु भाकर की यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है। उनके द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्प और जज़्बे ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया है।
मनु भाकर के बारे में रोचक तथ्य
- बचपन में निशानेबाजी के अलावा मुक्केबाजी, एथलेटिक्स, स्केटिंग और जूडो कराटे भी किया।
- 16 साल की उम्र में आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला निशानेबाज।
- पिता ने नौकरी छोड़कर बेटी को प्रशिक्षण देने के लिए साथ दिया।
- भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- प्रतिष्ठित शूटर जसपाल राणा के मार्गदर्शन में निशानेबाजी का प्रशिक्षण लिया।
मनु भाकर: भारतीय निशानेबाजी का उभरता सितारा
मनु भाकर ने कम उम्र में ही भारतीय निशानेबाजी में एक नया अध्याय लिख दिया है। उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करती हैं। उनके दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें देश की स्टार निशानेबाज बना दिया है। मनु भाकर का सफर अभी शुरू हुआ है और आने वाले समय में उनसे और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद है।
मनु भाकर: एक सच्ची लड़ाकू की कहानी
मनु भाकर का सफर बेहद रोचक और प्रेरणादायक है। बॉक्सिंग के मैदान से निशानेबाजी की दुनिया में आकर उन्होंने न केवल खुद को साबित किया, बल्कि देश का नाम भी रोशन किया।
बॉक्सिंग से निशानेबाजी तक का सफर
- बहुमुखी प्रतिभा: मनु भाकर सिर्फ एक खेल तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने टेनिस, स्केटिंग, मुक्केबाजी और मार्शल आर्ट जैसे कई खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाई।
- बॉक्सिंग से विदाई: बॉक्सिंग के दौरान हुई चोट ने उन्हें इस खेल को छोड़ने पर मजबूर कर दिया, लेकिन उनके अंदर खेल के प्रति जुनून कम नहीं हुआ।
- नया मोड़: रियो ओलंपिक ने मनु को निशानेबाजी की ओर आकर्षित किया। मात्र 14 साल की उम्र में उन्होंने पिस्टल खरीदकर इस खेल में कदम रखा।
- कड़ी मेहनत और लगन: मनु ने दिन-रात एक करके निशानेबाजी में महारत हासिल की और कम समय में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
- अर्जुन पुरस्कार: उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मनु भाकर की सफलता का राज
- कड़ी मेहनत: मनु ने अपनी सफलता के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने दिन-रात अभ्यास किया और खुद को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया।
- लक्ष्य: मनु का एक स्पष्ट लक्ष्य था और उन्होंने उसे पाने के लिए हर संभव प्रयास किया।
- धैर्य: मनु ने सफलता पाने के लिए धैर्य रखा और निराश नहीं हुईं।
- सकारात्मक दृष्टिकोण: मनु हमेशा सकारात्मक रहती हैं और उन्होंने हर चुनौती का सामना मुस्कराते हुए किया।
मनु भाकर एक प्रेरणा
मनु भाकर न केवल एक शानदार निशानेबाज हैं बल्कि एक प्रेरणा भी हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर आप मेहनत और लगन से कुछ करना चाहते हैं तो आप जरूर सफल हो सकते हैं।
आइए हम सभी मनु भाकर को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दें।
क्या आप मनु भाकर के बारे में और जानना चाहते हैं?
कुछ अन्य प्रश्न जो आप पूछ सकते हैं:
- मनु भाकर ने कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है?
- मनु भाकर के कोच कौन हैं?
- मनु भाकर के भविष्य के लक्ष्य क्या हैं?
- मनु भाकर की पसंदीदा शूटिंग रेंज कौन सी है?